Friday 31 May 2013

मुस्लिम वशीकरण-प्रयोग



१॰ आगिशनी माल खानदानी। इन्नी अम्मा, हव्वा यूसुफ जुलैखानी। फलानीमुझ पै हो दीवानी। बरहक अब्दुल कादर जीलानी।
विधिः- पूरा प्रयोग २१ दिन का है, किन्तु ११ दिन में ही इसका प्रभाव दिखाई देने लगता है। इस प्रयोग का दुरुपयोग कदापि नहीं करना चाहिए, अन्यथा स्वयं को भी हानि हो सकती है। साधना-काल में मांस, मछली, लहसुन, प्याज, दूध, दही, घी आदि वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन कर साधना करनी चाहिए। पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। लम्बी धोती या स्वच्छ वस्त्र को अहरानाकी तरह बाँध कर साधना करनी चाहिए। शेष बची हुई धोती या कपड़े को शरीर पर लपेटते हुए सिर को ढँक लेना चाहिए। एक ही कपड़े से पूरा शरीर ढँकना चाहिए, जैसे हिन्दू-स्त्रियाँ पहनती है।
उक्त मन्त्र की साधना रात्रि में, जब नमाजआदि का समय समाप्त हो जाता है, तब करनी चाहिए। साधना करने से पहले मुसलमानी विधि से वजू करे। हो सके, तो नहा ले। जप या तो हिन्दू-विधि से करे या मुसलमानी विधि से। हिन्दू-विधि में माला का दाने अपनी तरफ घुमाए जाते हैं। मुसलमानी विधि में माला के दाने अपनी तरफ से आगे की ओर खिसकाए जाते हैं। प्रतिदिन ११०० बार जप करे। यदि ११ दिन से पहले साध्यआ जाए, तो न तो अधिक घुल-मिल कर बात करे, न ही किसी प्रकार का क्रोध करे। कोई बहाना बनाकर उसके पास से हट जाए। यदि ११ दिन में कार्य न हो तो २१ दिन तक जप करे। मन्त्र में फलानीकी जगह साध्याका नाम लेना चाहिए।


२॰ काला मयींयो इल इजामा वहैया रमीम।
विधिः-
उक्त मन्त्र कुरान शरीफके २३वें पारेमें है। इस मन्त्र का दुरुपयोग कदापि न करे, अन्यथा स्वयं की हानि हो सकती है।
साधना में एक मिट्टी का चौड़ा बर्तन रखे। बर्तन में हवा जाने के लिए नीचे की ओर दो-चार छोटे-छोटे छेद करे। बर्तन में आम की लकड़ी के कोयले भर दें। कुछ कोयले अलग रख ले। बर्तन के कोयले जला कर एक बार बिस्मिल्लाहएढ़े और ग्यारह बार दरुद शरीफपढ़े तथा खुदा से प्रयोगकी सफलता हेतु दुआ करे। फिर बाँएँ हाथ में एक काली मिर्च तथा दाहिने हाथ में माला लेकर उक्त मन्त्र ४० बार पढ़े। काली मिर्च और कोयले को फूँक मारते हुए मिट्टी के बर्तन में जलते हुए कोयले पर डाले। यदि साध्यका नाम ज्ञात हो, तो उसका नाम कभी-कभी ले ले। अन्यथा उसका स्मरण करे। इस प्रकार ११ दिनों तक करे। यदि बीच मेंसाध्यआ जाए, तो भी ११ दिन तक प्रयोगकरे। अधूरा न छोड़े।

३॰ बिस्मिल्लाहे रहेमानिर्रहीम, आलमोती होवल्लाह।
विधिः- शुक्रवार से जप प्रारम्भ करे, लोहबान की धूप दे। कान में गुलाब के इत्रका फाहा लगाए। ४० दिनों तक रात्रि के समय नित्य एक माला जप करे। प्रयोग के समय सात बार किसी खाने-पीने की वस्तु पर फूँक मारकर खिलाए। इससे किसी को भी वश में किया जा सकता है।

४॰ बिस्मिल्लाहे रहेमानिर्रहीम सलामुन, कौलुनमि-नरर्विवरहीम तनजोलुल अजिजुर्रहीम।
विधिः- उक्त मन्त्र के अनुसार प्रयोग के समय एक बार बिस्मिल्लाहपढ़कर अपने हाथों की दोनों हथेलियों पर फूँक मारकर अपने चेहरे पर इन हथेलियों को फेरे। जहाँ जाएँगे, लोग वशीभूत होंगे।

५॰ बिस्मिल्लाह हवाना कुलु अल्ला, हथगाना दिल है सख। तुम हो दाना, हमारे बीच फलाने/फलानी को करो दिवाना।
विधिः- शुक्रवार से प्रारम्भ करे। लोहबान जलता रहे। २१ बार बिनौलालेकर, प्रत्येक बिनौला पर २१ बार उक्त मन्त्र पढ़कर फूँक मारे। फलाने/फलानी की जगह जिसे वश में करना है, उसका नाम ले। फिर उन बिनौलों को आग में डाल दे। ऐसा सात शुक्रवार तक करे। यह मन्त्र उसी अवस्था में काम करेगा, जब एक-दूसरे को जानते-पहचानते हों।

1 comment:

  1. mein ladki hu to kya mein y ladke ko vash m krne k liye kar sakti hu

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